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जन्तु सुविधा

यह विभाग 1905 में में बनाया गया और वर्तमान में इसमें चुहिया, खरगोश, गिनी पिग, भेडें और अश्व रखे जाते हैं । जन्तु प्रजनन सुविधा (चुहिया, खरगोश, गिनी पिग) से मुख्य रूप से संस्थान की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है जबकि अधिशेष जंतुओं को सी॰पी॰एस॰ई॰ए॰ के अंतर्गत पंजीकृत अध्यापन और अनुसंधान सुविधाओं को उपलब्ध करवा दिया जाता है ।

अश्वों को प्रति-सीरम और सामान्य अश्व रक्त बनाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है । भेड़ों को सामान्य भेड़ रक्त के लिए रखा जाता है ।

के॰अ॰सं॰ से चुहिया, खरगोश, गिनी पिग जैसे प्रयोगशाला जंतुओं की खरीद के लिए पूर्व अपेक्षताएं :

  1. संस्थान प्रयोगों को करने के लिए सी॰पी॰एस॰ई॰ए॰ के अंतर्गत पंजीकृत होना चाहिए।
  2. मांगकर्ता संस्थान की जन्तु नीति-विषयक समिति द्वारा जारी अनुमोदन प्रमाण-पत्र जिसमें जंतुओं की संख्या और प्रयुक्त किए जाने वाले जंतुओं की प्रजाति तथा प्रयोग की अवधिकी वैधता का स्पष्ट उल्लेख किया गया हो ।
  3. मांगकर्ता संस्थान के प्रमुख द्वारा जारी निम्न-निर्दिष्ट विवरणयुक्त प्रमाणपत्र :
  • अनुसंधान कार्य का नाम
  • अपेक्षित जंतुओं की संख्या और उनकी प्रजाति
  • संस्थान की जन्तु नीति-विषयक समिति के अनुमोदन की संख्या
  • उक्त प्रयोग में अब तकप्रयुक्त किए गए जंतुओं की संख्या
जन्तु गृह
केंद्रीय अनुसंधान संस्थान,
कसौली(हि॰प्र॰)-173204(भारत)
दूरभाष: 01792-273165